सोयाबीन की यह 5 उन्नत किस्में कम समय में देगी बम्पर उत्पादन, किसान भाई समय रहते जान ले नई किस्मों के बारे में

सोयाबीन की यह 5 उन्नत किस्में कम समय में देगी बम्पर उत्पादन, किसान भाई समय रहते जान ले नई किस्मों के बारे में

भारत में सोयाबीन बुवाई का समय 15 जून से शुरू हो जाती है। इसे देखते हुए किसानों को पहले ही उन्नत किस्म के बीज की व्यवस्था कर लेनी चाहिए। किसानों को सोयाबीन की अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों की जानकारी होनी जरूरी है, ताकि वे इन किस्मों में से अपने क्षेत्र के अनुकूल किस्म का चयन करके समय पर सोयाबीन की बुवाई कर सकें। तो आइए जानते है आर्टिकल में पूरी डिटेल….

अंकुर अग्रसर सोयाबीन किस्म (Ankur Agrsar Soybean Variety)

सोयाबीन की यह किस्म मध्यप्रदेश निमाड़ क्षेत्र के लिए अनुशंसित की गई है। यह अंकुर अग्रसर किस्म 9560 किस्म की अवधि के बराबर ही है। यह किस्म 85 से 90 दिनों के अंतराल में पककर तैयार हो जाती है। यह मजबूत पौधे वाली किस्म (गैर-आवास) है। इसके दाने मध्यम आकार के और पीले-सफेद रंग के होते है। इस किस्म की बीज दर 15 से किलोग्राम प्रति बीघा।अगर इसके उत्पादन की बात करें तो, पिछले वर्ष इस किस्म ने अधिकतम उपज क्षमता 12 क्विंटल एवं औसत उपज क्षमता है 10 क्विंटल प्रति बीघा निकाली गई थी।

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ब्लैक बोल्ड  सोयाबीन किस्म (Black Bold Soybean Variety)

Top 5 Soybean Variety | सोयाबीन की यह किस्म मध्यभारत क्षेत्रों के लिए अनुशंसित की गई है। इसकी बुवाई का उचित समय 15 जून से लेकर 30 जून तक है। बीज दर- 45 kg प्रति एकड़। इसके पौधे की ऊंचाई हाईट 55 से 65 सेमी एवं 100 दाने का वजन 12 से 14 ग्राम तक देखा गया है। दाने का रंग गहरा भूरा होता है। अगर इसके उत्पादन की बात करें तो, इस किस्म ने 9 से 11 क्विंटल प्रति एकड़ एवं 26 से 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन निकाला था।

एनआरसी 150  सोयाबीन किस्म (NRC 150 Soybean Variety)

सोयाबीन की एनआरसी 150 किस्म को इंदौर के सोयाबीन अनुसंधान केंद्र ने विकसित किया है। यह मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश का बुदेलखंड क्षेत्र, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र का विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र इत्यादि के अनुशंसित की गई है। इसकी विशेषता यह है कि यह मात्र 91 दिन में परिपक्व होती है। जबकि, सोयाबीन Top 5 Soybean Variety की यह किस्म 7 क्विंटल बीघा उत्पादन देगी। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार सोयाबीन की इस किस्म से 35 से 38 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार होगी।

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आरवीएस 2018 सोयाबीन किस्म (RVS-2018 Soybean Variety)

सोयाबीन की यह किस्म मध्य अवधि लगभग 91-93 दिवस होने के कारण  सोयाबीन जे.एस. 93-05 के लगभग पककर तैयार हो जाएगी। सामान्य परिस्थितियों में इसका उत्पादन 22 से 24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर दिखेगा। किंतु व्यावहारिक रूप से किसानों द्वारा गतवर्षों में लिए गए वास्तविक अधिकतम उत्पादन का आंकड़ा इस लिस्ट में 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर इससे अधिक भी बताया गया है।

जेएस 9560  सोयाबीन किस्म (Js-9560 Soybean Variety)

बीते कुछ सालों में जेएस 9560  सोयाबीन किस्म किसानों की पहली पसंद बन गई है। मध्यप्रदेश सहित कई इलाकों में बोया जाता है। सोयाबीन जेएस 9560 किस्म जून के अन्तिम सप्ताह में जुलाई के प्रथम सप्ताह तक का समय सबसे उपयुक्त है। बुवाई के लिए बीज की मात्रा 40-45 किलों बीज प्रति एकड़ पर्याप्त रहती हैं। इस किस्म से एक हेक्टेयर में करीब 25-28 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

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