सही समय पर करे बीटी कपास की खेती, तगड़े मुनाफे से किसान हो जायेगे धनवान, जानिए

सही समय पर करे बीटी कपास की खेती, तगड़े मुनाफे से किसान हो जायेगे धनवान, जानिए

बीटी कपास, जिसे जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) कपास के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार का कपास है जिसे बोल्लवॉर्म नामक कीट के प्रति प्रतिरोधी बनाने के लिए आनुवंशिक रूप से संशोधित किया गया है। यह भारत में सबसे अधिक उगाई जाने वाली कपास की किस्म है, और इसने देश में कपास उत्पादन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

बीटी कपास की खेती का सही समय

बीटी कपास की बुवाई का सही समय क्षेत्र की जलवायु और वर्षा ऋतु पर निर्भर करता है। आम तौर पर, बुवाई का सबसे अच्छा समय मई से जून के बीच होता है, जब मानसून की बारिश शुरू होती है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में, बुवाई अप्रैल या जुलाई में भी की जा सकती है।

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बीटी कपास की खेती करते समय कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें

बीज की किस्म का चुनाव: बीटी कपास की कई किस्में उपलब्ध हैं। अपने क्षेत्र के लिए उपयुक्त किस्म का चुनाव करना महत्वपूर्ण है।

बुवाई की विधि: बीटी कपास की बुवाई लाइन में या कूड़े में की जा सकती है। लाइन में बुवाई करने से खेत में काम करना आसान हो जाता है।

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सिंचाई: बीटी कपास को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है। खासकर, पौधे के विकास के शुरुआती चरणों और फल बनने की अवस्था में सिंचाई करना महत्वपूर्ण है।

खरपतवार नियंत्रण: खरपतवार बीटी कपास की पैदावार को कम कर सकते हैं। इसलिए, खेत को नियमित रूप से खरपतवार मुक्त रखना महत्वपूर्ण है।

कीट नियंत्रण: जीएम होने के बावजूद, बीटी कपास कुछ अन्य कीटों और बीमारियों से प्रभावित हो सकता है। इन कीटों और बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए उचित उपाय करना महत्वपूर्ण है।