कड़वी सब्जी कहलाने वाले करेले की खेती तिजोरी में लाएगी मिठास, जानिए उन्नत किस्मे और खेती की प्रोसेस

कड़वी सब्जी कहलाने वाले करेले की खेती तिजोरी में लाएगी मिठास, जानिए उन्नत किस्मे और खेती की प्रोसेस

करेले की खेती: करेला का पौधा एक लता वाली सब्जी है. हमारे देश के कई किसान भाई इसकी खेती करके अच्छी पैदावार प्राप्त कर लाखों रुपये कमाते हैं. करेला भले ही खाने में कड़वा होता है, लेकिन ये हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है. करेले का इस्तेमाल हम ज्यादातर सब्जी और जूस में करते हैं और ये भले ही कड़वा होता है लेकिन कई बीमारियों में लाभदायक साबित होता है. गर्मी के दिनों में इसकी मांग भी बाजार में ज्यादा रहती है और इसकी बाजार दर 30 रुपये से 50 रुपये प्रति किलो तक रहती है. इसलिए करेले की खेती करके अच्छी आमदनी के साथ-साथ मुनाफा भी कमाया जा सकता है।

करेले की उन्नत किस्में

हमारे कृषि वैज्ञानिकों ने करेले की कई उन्नत किस्में विकसित की हैं. इन उन्नत किस्मों के कुछ नाम इस प्रकार हैं –

  • कल्याणपुर परभणी
  • पूसा संकर – 1
  • पंजाब करेला – 1
  • काशी सुफल
  • पूसा डू सीजनल
  • अर्का हरित
  • काशी उर्वशी पूसा स्पेशल
  • औषधि
  • यूएस का एसडब्ल्यू810, 811, 815 आदि।

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करेले की खेती की प्रोसेस

करेले की खेती गर्मियों और बरसात के दिनों में की जाती है. अगर आप गर्मी के मौसम में करेले की खेती करके अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो आप इस समय किसी बेहतर किस्म के करेले के बीज खरीदकर अपने खेत में लगा सकते हैं. करेले की फसल से आप हफ्ते में तीन बार इसकी तोड़ाई कर सकते हैं।

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करेले की खेती करने के दो तरीके हैं. एक तो सीधे खेत में बीज बोकर और दूसरा नर्सरी से तैयार पौधे लाकर. बीज बोने की विधि में खेत में मेड़ बनाकर 2 मीटर की दूरी पर 60 से 70 सेंटीमीटर चौड़ाई रखी जाती है. इन मेड़ों के दोनों तरफ 1 मीटर की दूरी पर मेड़ के किनारे 3 से 4 पौधे लगाए जा सकते हैं. वहीं, सीधे बीज बोने की विधि में मेड़ से मेड़ के बीच 2 मीटर और बीज से बीज के बीच 50 सेंटीमीटर की दूरी रखें।